परिचय
- राजस्थान के दक्षिण पूर्वी भाग को हाड़ोती के नाम से जाना जाता हैं ।
- प्रक्षाशनिक दृष्टि से कोटा बूंदी बारा झालावाड़ को शामिल किया जाता हैं ।
- रियासती काल में पूरा हाड़ोती क्षेत्र बूंदी के अंतर्गत आता हैं ।
- हाड़ोती क्षेत्र में बूंदा मीणा का शासन था इसलिए इसे बूंदी कहा गाया था।
- रणकपुर अभिलेख में बूंदी का प्राचीन नेम वृंदावती था ।
- 1241 में देवी सिंह चोहान ने बूंद मीणा को पराजित करके चोहान वंश की शाखा स्थापित की थी ।
- देवी सिंह के बाद उसके पुत्र ने समर सिंह शासक बना था ।
- समर सिंह के पुत्र जेत्र सिंह शासक बना था , इसने कोटा से शासक कोट्या भील को पराजित करके अपनी राजधानी बनाया था । इसके नाम पर ही कोटा का नाम कोटा पद था।
हिरोजी / हामू जी / हममीर सिंह
- हामूजी के समय मेवाड़ के राणा लाख ने बूंदी पर आक्रमण कर दिया था । ओर राणा लाख पराजित हो गया था ।
- लाखा ने ये प्रतिज्ञा की थी की जब तक में बूंदी के दुर्ग को मिट्टी में ना मिल दूँ में अन्न ओर जल ग्रहण नहीं करूंगा ।
- इसके कारण राणा लाखा के सेनापति चिंतित होने लगे , इस प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए उन्होंने एक मिट्टी का बूंदी के दुर्ग बनवाया,ओर उस पर राणा लाखा ने छड़ाई की थी । जिसकी रक्षा के राणा लाखा का एक सेनीक , जो चोहान वंश की हाड़ा शाखा का था , की मृत्यु हो गई ।
बर सिंह
- इसके द्वारा बूंदी bundi के तारागढ़ किले का निर्माण करवाया गया था ।
- 1569 में बूंदी का शासक राव सुरजन हाड़ा बना जिसका अधिकर रणथंबोर पर भी था , ये मेवाड़ के अधीन शासक था।
- अकबर ने जब रणथंबोर पर आक्रमण किया था , उस समय राव सुरजन सिंह हाड़ा ने मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली थी ।
- राव सुरजन सिंह हाड़ा के शासन काल में ही बूंदी चित्रकला शैली का विकास हुआ।
- राव सुरजन सिंह हाड़ा का दरबारी कवि चंद्रशेखर था , जिसन हममीर हठ ओर सुरजन चरित्र लिखा ।
रत्न सिंह
- इसकी के शासन काल में बूंदी bundi में पशु पक्षी की चित्रकला का विकास हुआ था ।
- रत्नसिंह को जहांगीर ने “रामराज ओर सरबुँदराई ” की उपाधि से नवाजा ।
- रत्नसिंह को पुत्र माधो सिंह को 1631 में शाहजहाँ ने कोटा राज्य का शासन सोप दिया । कोटा राज्य का संस्थापक “माधोसिंघ” को माना जाता हैं ।
- अनऋद्ध का पुत्र जोधसिंह हुआ , जोध सिंह गणगौर के त्योहार पर गणगौर की मूर्ति के साथ सेर करता हुआ डूब गया था । इसके लिए एक प्रसिद्ध कहावत हैं ” हाड़ो ले दुबयो गणगौर “
- राजस्थान में मराठों का सर्वप्रथम प्रवेश बूंदी में उम्मेदसिंघ के काल में हुआ था ।
- 1818 में विष्णु सिंह ने अंग्रेजों के साथ संधि कर ली थी ।
- बूंदी के सुखमहल का निर्माण विष्णु सिंह ने करवाया था ।
Read Samajik notes
- मारवाड़ वंश
- कर्ण सिंह, राज सिंह , जगत सिंह
- अमार सिंह
- महाराणा प्रताप
- उदय सिंह
- सरनागपुर का युद्ध
- मेवाड़ के शासक
- राजस्थान के प्रजामंडल
- राजस्थान के व्यक्तित्व
- राजस्थान के युद्ध
- नगरिए सभ्यता
- बैराठ सब्यात
- गणेश्वर सभ्यता
- आहड़ सभ्यता
- कालीबंगा सभ्यता
- सामाजिक नोट्स टॉपिकवाइज़
Give samajik test
- samajik test 1
- samajik test 2
- samajik test 2
- samajik test 4
- samajik test 5
- samajik test 6
- samajik test 7
- samajik test 8
- samajik test 9
- samajik test 10
- samajik test 11
- samajik test 12
- samajik test 13
- samajik test 14
- samajik test 15
- samajik test 16
- samajik test 17
- samajik test 18
- samajik test 19
- samajik test 20
- samajik test 21
- samajik test 22
- samajik test 23
- samajik test 24
- samajik test 25
- samajik test 26
- samajik test 27
- samajik test 28
- samajik test 29
- samajik test 30
Download our apps
Read Now