अमर सिंह के पिता का नाम महाराणा प्रताप था और उनके समकालीन मुगल बादशाह जहांगीर थे
जहांगीर ने अमर सिंह के खिलाफ शाहजहां के नेतृत्व में 1613 में सेना भेजी थी जिसने मेवाड़ में तहस-नहस मचा दी थी
अमर सिंह के पुत्र कर्ण सिंह के द्वारा समझाने पर भी शाहजहां और अमर सिंह के बीच में एक संधि हुई जिसके निम्न शर्ते रखी गई
महाराणा अमर सिंह मुगल दरबार में उपस्थित नहीं होगा
उसके स्थान पर करण से उपस्थित होगा चित्तौड़ दुर्ग कि भविष्य में मरम्मत नहीं करवाई जाएगी
महाराणा अमर सिंह मेवाड़ का एकमात्र ऐसा शासक है जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की जबकि मुगल दरबार में करण सिंह वह पहला शासक है जिसने मुगल दरबार में उपस्थिति दी।
महाराणा अमर सिंह के शासनकाल में मेवाड़ चित्रकला शैली का सर्वाधिक विकास हुआ इसीलिए अमर सिंह के शासनकाल को मेवाड़ चित्रकला शैली का स्वर्ण काल भी कहा जाता है