- रणथंबोर की चौहान शाखा का संस्थापक गोविंद राज था ।
- गोविंद राज पृथ्वीराज 3 का पुत्र था । जिसने कुतुबउद्दीन एबक की सहायता से 1194 में रणथंबोर में चौहान वंश की स्थापना की थी ।
वलहन
इसके समकालीन दिल्ली का सुल्तान इलतूतमिश था जिसने 1226 में रणथंबोर पर विजयी प्राप्त की थी ।
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वाग्भट्ट
ये वलहण का पुत्र था ।
जयसिम्हा
इसमे उत्तराधिकारी अपने छोटे पुत्र हममिर देव चौहान को नियुक्त किया गाया ।
हममीर देव चौहान
- ये जयसिम्हा का पुत्र था ।
- हममीर देव चौहान की जानकारी ; हम्मीर रासो , हम्मीर महाकाल , हम्मीर हठ , हम्मीर मन मर्दन में मिलती हैं ।
- रणथंबोर का सबसे शक्तिशाली शासक था । हम्मीर देव अपनी हठ धर्मित के कारण प्रसिद्ध था ।
- हम्मीर के द्वारा 17 युद्ध लड़े गए जिनमे की ये 16 युद्ध जीत गाया ।
- हम्मीर देव चोहान के समकालीन दिल्ली सुल्तान जलाउद्दीन खलजी ओर अलाउद्दीन खिलजी था ।
- जलाउद्दीन खलजी ने 1291 में रणथंबोर पर आक्रमण कर दिया था ।
- काफी समय तक दुर्ग का घेरा डाले रखने के बाद भी जलाउद्दीन खलजी असफल हुआ । जलाउद्दीन खलजी ने ये कहते हुए देर उठा लिया की मे एसे 10 दुर्गों को मुसलमान के एक बाल के बराबर भी नहीं समझता हु ।
- इस दुर्ग के संदर्भ में अबुल फजल ने कहा हैं की राजस्थान के सभी दुर्ग नंगे हैं केवल यही दुर्ग बख्तरबंद हैं ।
- 1301 में अलाउद्दीन खिलजी ने रणथंबोर पर आक्रमण किया था ।
- आक्रमण के निम्न कारण रहें होंगे
- साम्राज्य विस्तार नीति
- चाचा के अपमान का बदला लेना
- मोहम्मद शाह को हममीर के द्वारा शरण देना
- रणथंबोर का सामरिक महत्व
रणथंबोर का पहला साका –
हम्मीर देव ओर अलाउद्दीन खिलजी के बीच होने वाले युद्ध में उलुग ख़ान ओर नुसरत ख़ान दोनों थे । नुसरत ख़ान के दुर्ग से आए हुए गोले के कारण घायल होने के कारण मृत्यु हो गई । इसी समय हम्मीर देव के सेनापति रणमल ओर रतिपाल के द्वारा विश्वासघात किया गया । तथा गुप्त मार्ग बात दिया गया । हम्मीर देव चौहान लड़ता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ । उसकी पत्नी रंग देवी के नेत्रत्व में पदमला तलब में जौहर किया गाया था । ये राजस्थान का पहला सका कहलय । ये राजस्थान का एक मात्र जल जौहर था । जबकि जौहर का मेल चित्तौड़ में लगता हैं ।
मोहम्मद शाह
- मोहम्मद शाह — ये माँगोल सेनापति था । जिसका प्रेम संबंध अलाउद्दीन की बेगम चिमना से था । इन दोनों ने मिलकर अलाउद्दीन खिलजी को मरने की योजना बनाई । इस बात का पता अलउद्दीन खिलजी को लग गाया । यह पर खिलजी द्वारा मोहम्मद शाह ने हमीर देव की शरण ली । इस युद्ध का प्रत्यक्ष दर्शी आमिर खुसरो था जिसने कहा था की ” आज कूप्र का गढ़ इस्लाम का गढ़ हो गया । “
- 11 जुलाई 1301 को रणथंबोरे पर अलाउद्दीन खिलजी का अधिकर हो गाया था ।
रणथम्भोर दुर्ग
- इसका प्राचीन नाम रणतपुर की घाटी से बना हुआ हैं ।
- यह अरावली ओर विंध्याचल के मेल पर बना हुआ हैं ।
- रणथम्भोर दुर्ग का निर्माण महेश ठाकुर के द्वारा आठवी सदी में कराया गया था ।
- रणथम्भोर दुर्ग की कुंजी झाइन दुर्ग को कहा जाता हैं ।
- रणथम्भोर दुर्ग शुक्र नीति के अनुसार एरेन श्रेणी में आता हैं ।
- रणथम्भोर दुर्ग में हम्मीर देव के द्वारा 32 खंभों की छतरी का निर्माण करवाया गया था।
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