राठोड सत्ता से पहले बीकानेर का भू भाग जंगल प्रदेश के किनारे के नेम से जाना जाताथा । बीकानेर में राठोड सत्ता का दूसरा केंद्र था ।
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राव बीका
- ये राव जोधा का पुत्र था ।
- इसके द्वारा ही बीकानेर में राठोड वंश की स्थापना की गई थी ।
- इसने अपना साम्राज्य करनी माता के आशीर्वाद से प्राप्त किया था ।
- इसने अपनी पहली राजधानी कोडसदेसर को बनाया था ।
- इसने 1465 में बीकानेर रियासत की स्थापना की थी ।
- राव बिका ने 1488 में राती घाटी स्थान पर बीकानेर नगर बसाया था । बीकानेर को इसी के साथ दूसरी राजधानी बनाया था ।
- इसके द्वारा बीकानेर दुर्ग की नीव राखी गई । जबकि बीकानेर के जूनागढ़ दुर्ग को पूरा राय सिंह के द्वारा कराया गाया था ।
लूणकरणसर
- ये बिका का पुत्र था ।
- इसको बिठू राजा के ग्रंथ राव जेतसी रो छंद में कलियुग का कर्ण कहा गाया हैं ।
- इसको द्वारा लूनकरन्सर कस्बा बसाया गाया था ।
- इसको राजस्थान का राजकोट भी कहा जाता हैं ।
- इसने लूणकरन्सर झील का भी निर्माण करवाया था ।
- बीकानेर में लक्ष्मी नारायण मंदिर का निर्माण करवाया था ।
राव जैतसी
- इनके पिता लूणकरन्सर थे ।
- इनके शासन काल के समय मुगल शासक बाबर था ।
- बाबर के पुत्र कामरान ने आक्रमण किया ओर राव जैतसी को अपना साम्राज्य सोपकर चल गाया था । कुछ समय बाद राव जैतसी के द्वारा कामरान पर हमला कर दिया गया ओर फिर से अपना साम्राज्य प्राप्त कर लिया ।
- पाहेबा साहेबा का युद्ध भी मालदेव ओर जैतसी के मध्य लड़ गया जिसमे मालदेव विजयी रहा ।
- इस युद्ध में जैतसी घायल हो जाने के कारण 1542 में इसकी मृत्यु हो गई ।
- 1542-1544 तक मालदेव का शासन रहा ।
राव कल्याणमल
- ये राव जैतसी का पुत्र था ।
- कल्याणमल ओर शेरशाह सूरी व विरंदेव की सहायता से अपना राज्य प्राप्त किया ।
- इसी कारण राव कल्याणमाल ने गिरी सुमेल युद्ध में शेरशाह सूरी का साथ दिया था ।
- ये बीकानेर का वह शासक था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार की थी ।
- इसके दो पुत्र थे
- रायसिंह
- पृथ्वीराज राठोड
- इसने पृथ्वीराज राठोड को अकबर की सेवा में भेज दिया था ।
- ये पृथ्वी राज राठोड अकबर का दरबारी कवि था ।
- पृथ्वीराज राठोड की प्रसिद्ध रचना “बेली कृष्ण रुक्मिणी री वचनिका ” हैं ।
- कवि दुरस आडा ने इसका ग्रंथ को पाचवा वेद ओर 19वा पुराण कहा था ।
- इतिहासकार “एल पी टेससी टोरी ” ने पृथ्वीराज राठोड को डिंगल का हेरोस कहा था ।
- कन्हैया लाल सेठिया ने “पाथल पीथल ” की उपाधि दी ।
- यहाँ पाथल महाराणा प्रताप ओर पीठल पृथ्वी राज राठोड को कहा गया ।
राय सिंह
- ये कल्याणमल का पुत्र था ।
- रायसिंघ ने अपने पिता के साथ मिलकर 1570 में नागौर दरबार में मुगलों की अधीनता स्वीकार कर ली थी ।
- इसको 1572 में अकबर के द्वारा जोधपुर का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया था ।
- ये राजस्थान का दूसरा वह शासक हैं जिसने मुगलों के साम्राज्य विस्तार में सर्वाधिक साथ दिया था । सबसे ज्यादा मान सिंह ने ये किया ।
- जहांगीर के द्वारा राय सिंह को 5000 मनसब प्रदान किया गाया था । जो सबसे ज्यादा था । जबकि अकबर के द्वारा मान सिंह को 7000 मनसब दिया गाया था जो की सर्वाधिक था ।
- रायसिंह के द्वारा बीकानेर दुर्ग का निर्माण कार्य पूरा करवाया गाया था । इस दुर्ग की नीव राव बीका ने राखी थी ।
- रायसिंह को मुंशी देवी प्रसाद ने राजपुताने का कर्ण कहा था ।
कर्ण सिंह
- इसे जांगलधार बादशाह भी कहा जाता हैं ।
- ये सूरसिंह का पुत्र था ।
- इसके समकालीन मुगल बादशाह शाहजहाँ ओर औरेनगजेब था ।
- इसको राजपूत शासकों द्वारा जांगलधार बादशाह की उपाधि दी गई थी ।
- कर्णसिंह ने अपने सिक्कों पर जय जालंधर लिखवाया था ।
- कर्णसिंह ने देशनोक में करनी माता जिसे चूहों की माता भी कहा जाता हैं का निर्माण करवाया था ।
- मतिरे की राड कर्ण सिंह ओर अमर सिंह के बीच हुई जिसमे अमर सिंह विजयी रहा ।
- कर्णसिंह का दरबारी कवि गंगानन्द मैथिल था जिसकी रचना “कर्ण भूषण” ओर “काव्य डाकिनी ” हैं ।
अनूप सिंह
- ये कर्णसिंह का पुत्र था ।
- इसके समकालीन औरंगजेब था ।
- औरेनगजेब ने अनूप सिंह को बीजापुर अभियान के लिए भेज था । जिसमे सफल होने का बाद औरेनगजेब ने अनूपसिंह को महाराजा ओर माही भरतिव ” की उपाधि दी थी ।
- अनूप सिंह खुद एक विद्वान था व विद्वानों का आश्रय दाता भी था ।
- अनूप सिंह ने निम्न रचना लिखी
- अनूप विलास
- अनूप भूषण
- अनूप विवेक
- अनूप सिंह का दरबारी कवि – परिभण था । ” राजकुमार अनूप री बेली ” की रचना की थी ।
सूरत सिंह
- 1805 में भटनेर दुर्ग पर आक्रमण किया था ।
- पूर्वी इंडिया कॉम्पनी के साथ संधि कर ली थी ।
- मेवाड़ में EAST INDIA COMPANY के साथ मन सिंह ने ओर मारवाड़ में भीमसिंह ने एस किया ।
- 1805 में भटनेर दुर्ग पर आक्रमण किया ओर उसका नम बदलकर हनुमानगढ़ दुर्ग कर दिया था क्योंकि ये हनुमान जी का भक्त था । ओर वह मंगलवार के दिन जीत था ।
- सूरत सिंह ही बीकानेर का वह शासक था जिसने पूर्वी इंडिया कंपनी के साथ संधि कर ली थी ।
- 1857 की क्रांति के समय बीकानेर का शासक सरदार सिंह था । जिसने राज्यों के बाहर भी सेना भेजकर अंग्रेजों की सहायता की हटी । अंग्रेजों ने इनको टिपपी परगना इनको उपहार में दिया था ।
- राजस्थान एकीकरण के समय बीकानेर का शासक शार्दूल सिंह था ।
गंगा सिंह
- ये लाल सिंह का पुत्र था ।
- गंगा सिंह को आधुनिक भारत का भागीरथ ओर राजस्थान का भागीरथ भी कहते हीं ।
- इसने 1927 में गंगनहार का निर्माण करवाया था ।
- गंगासिंह के द्वारा बीकानेर अधिनियम बनाया गाया था जिसे बीकानेर का काला कानून भी कहा गया था ।
- इसको बीकानेर में काले पनि की सजा के लिए जाना जाता हीं ।
- गंगा सिंह ने गांधी जी के पचवे पुत्र जमना लाल बजाज को बीकानेर में नहीं आने दिया।
- इसने 2 गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया था । 1930 ओर 1931 में ।
- इसके पास ऊंटों की एक टुकड़ी थी जिसे गंगा रिसाला के नाम से जाना जाता था ।
- गंगा सिंह ने प्रथम विश्व युद्ध में वर्सय की संधि ( 28 जून 1919 ) में भाग लिया था ।
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