महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग में हुआ था। इनके पिता का नाम उदय सिंह और माता का नाम जय वंत बाई था। महाराणा प्रताप के नाना का नाम अखेराज सोनगरा था और
इनका राज्य अभिषेक गोगुंदा की पहाड़ियों में 1572 में विधिवत रूप से कुंभलगढ़ दुर्ग में किया गया ।
इनको अलग-अलग उपर नामों से भी जाना जाता है। जिनमें इन्हें कीका ,मेवाड़ केसरी, मेवाड़ का नायक ,मेवाड़ का भूला बिसरा राजा मेवाड़ का राव पर्यावरण और हरित क्रांति का अग्रदूत कहा जाता है।
अकबर ने महाराणा प्रताप से अधीनता स्वीकार करवाने के लिए जलाल खान मानसिंह भगवत सिंह और टोडरमल को भेजा था। यह चारों के चारों महाराणा प्रताप को समझाने में असफल रहे
महाराणा प्रताप के समकालीन मुगल बादशाह अकबर था।
अकबर ने महाराणा प्रताप के खिलाफ मैगनीज दुर्ग में हल्दीघाटी युद्ध की योजना बनाई
महाराणा प्रताप ने अपने जीवन काल में निम्न युद्ध लड़े
हल्दीघाटी का युद्ध
कुंभलगढ़ का युद्ध
दिवेर का युद्ध
महाराणा प्रताप की प्रारंभिक राजधानी गोगुंदा रही क्योंकि इनका राजे अभिषेक गोगुंदा की पहाड़ियों में ही हुआ था बाद में उनकी राजधानी कुंभलगढ़ रही और अंतिम समय में चावंड रहे।
महाराणा प्रताप की मृत्यु 1597 में हुई थी।
महाराणा प्रताप की मृत्यु 1597 में अपने तीर कमान की प्रत्यंचा चढ़ाते हुए हुई थी
महाराणा प्रताप की छतरी बाडोली उदयपुर में स्थित है।