एसओजी की जांच में साबित हो चुका है कि REET में पेपर लीक हुआ था। ये भर्ती शुरू से ही विवादों में रही। एग्जाम से एक दिन पहले ही बोर्ड के स्ट्रॉन्ग रूम से पेपर लीक हो गया था। एग्जाम वाले दिन भी नकल के अलग-अलग तरह के तरीके सामने आए
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बिना इंटरनेट के भी हो गई थी नकल
सरकार ने REET के दौरान इंटरनेट बंद कर दिया, लेकिन नकल नहीं रोक पाई। बीकानेर की एक नकल गैंग ने इंटरनेट का उपयोग किए बिना ही नकल का इंतजाम कर दिया था। गैंग ने सारे सरकारी इंतजामों का तोड़ निकालते हुए दो ऐसे डिवाइस बना डाले, जिनसे नकल की जा सके था। इनमें एक डिवाइस छोटे काले रंग की रिमोट जैसी थी। दूसरी डिवाइस चप्पल में लगाई गई थी। दोनों ही डिवाइस मोबाइल की तरह काम करती थी। इनकी कीमत छह लाख रुपए रखी गई, जो बाजार में आ रहे किसी महंगे मोबाइल से कई गुना ज्यादा थी। 25 लोगों को ये डिवाइस डेढ़ करोड़ रुपए में बेची गई थी।
25 September 2021 को ही पकड़ ली थी गैंग
एग्जाम के ठीक एक दिन पहले बाड़मेर पुलिस ने नकल गिरोह का पर्दाफाश किया। दो सरकारी शिक्षकों सुरेश और रमेश विश्नोई को गिरफ़्तार करने के साथ 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस का दावा था कि आरोपियों ने परीक्षा से 4 घंटे पहले अपनी एक्सपर्ट टीम से पेपर हल करवाकर आंसर की डमी कैंडिडेट को देकर एग्जाम सेंटर भेजने की तैयारी कर रखी थी। इस गिरोह में सांचोर ट्रैफिक पुलिस का कॉन्स्टेबल भी शामिल था। जो छुट्टी लेकर डमी कैंडिडेट बनकर बैठने के लिए गया था
बत्तिलाल पर था पहला शक – Mastermind Battilal- Reet 2021
पेपर लीक के मामले में सबसे पहले बत्तीलाल की गिरफ्तारी हुई थी। जो 26 सितम्बर को पेपर लीक का खुलासा होने के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में छिपता रहा था। बत्तीलाल के भाई राजेश को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। एसओजी की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ था कि बत्तीलाल ने साढ़े 8 लाख रुपए में पेपर का सौदा किया था। भजनलाल के साथ कुल 15 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी से पूछताछ में भजनलाल के बारे में जानकारी मिली थी।
Reet level 2 का पहला पेपर कितने में बिका था
एक आरोपी पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड बताया जा रहा था। मास्टरमाइंड पृथ्वीराज को आगरा से गिरफ्तार किया गया था। पृथ्वीराज मनरेगा में जूनियर इंजीनियर (JEN) है। पृथ्वीराज ने 40 लाख में रीट का पेपर खरीदा था। फिर पेपर को दूसरे आरोपी बत्तीलाल को 5 से 10 लाख में बेच दिया था।
Reet 2021 level 2 आखिर रद्द केसे हो गई
प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। पेपर लीक और नकल न हो, इसके लिए सरकार ने पूरा मैन पावर झोंक दिया, फिर भी एग्जाम से ढाई घंटे पहल ही पेपर लीक हो गया। आखिर पेपर लीक होने के 15 दिन बाद रविवार को मास्टरमाइंड बत्तीलाल गिरफ्तार हो गया।
Reet 2021 Paper आखिर इतने लोगों में केसे पहुँच गया था
26 सितंबर को गंगापुर सिटी में सेंटर से पेपर लीक का खुलासा हुआ था। जिसके बाद से अब तक आरोपियों के पकड़ने का सिलसिला जारी है। दैनिक भास्कर ने अब तक की जांच में पकड़े गए आरोपियों का रिकॉर्ड खंगाला। चौंकाने वाली बात है कि पेपर लीक होने के बाद आगे जान-पहचान के आधार पर आगे बढ़ता ही चला गया। पेपर लीक प्रकरण में किस-किस की क्या भूमिका रही इसका खुलासा किया
26 सितंबर को गंगापुर सिटी में सेंटर से पेपर लीक का खुलासा हुआ था। जिसके बाद से अब तक आरोपियों के पकड़ने का सिलसिला जारी है। दैनिक भास्कर ने अब तक की जांच में पकड़े गए आरोपियों का रिकॉर्ड खंगाला। चौंकाने वाली बात है कि पेपर लीक होने के बाद आगे जान-पहचान के आधार पर आगे बढ़ता ही चला गया। पेपर लीक प्रकरण में किस-किस की क्या भूमिका रही इसका खुलासा किया
आखिर रीट पेपर लीक मामले में जयपुर शिक्षा संकुल भी शक में दायरे में आ गया। SOG ने खुलासा किया कि पेपर यहीं के स्ट्रॉन्ग रूम से लीक हुआ था। मामले में भजनलाल की गिरफ्तारी के बाद रोज नए खुलासे हो रहे हैं और पेपर लीक के नए गुनाहगार सामने आ रहे हैं। अब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली और उनके मित्र डॉ. प्रदीप पाराशर भी शक के घेरे में हैं। इधर, REET परीक्षा पर विवाद गहराने के बाद पेपर रद्द होने की आशंकाएं गहराने लगी हैं। कई संगठन इस परीक्षा को रद्द करने और मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है
Reet 2021 के रद्द होने के बाद अब नकल को केसे रोक जाएगा ?
रीट व अन्य परीक्षाओं में नकल के मामले सामने आने के बाद गहलोत सरकार कानून में बदलाव करेगी। इसमें भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए सख्त सजा के प्रावधान किए जाएंगे। इसके बाद परीक्षाओं में पेपर लीक करने, नकल करने और नकल करवाने में सहयोग करने पर 7 साल की सजा का प्रावधान होगा।
अब तक इस तरह के अपराध के लिए 3 साल की सजा का प्रावधान है। अब भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को संज्ञेय अपराध के साथ ही इसे गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग में यह फैसला लिया