इस पोस्ट में हम आपको राजस्थान के प्रसिद्ध युद्धों के बारे में बताएंगे. इस पोस्ट में हम आपको समय के अनुसार किस राजा ने किस राजा के खिलाफ युद्ध लड़ा उसके बारे में बताएंगे और हम आपको यह भी बताएंगे कि उनमें से यह युद्ध किसने जीता और यदि हमारे पास पर्याप्त जानकारी हुई तो हम हर एक युद्ध की कुछ एक विशेषता थी हम आपको बताएंगे. उम्मीद है आपको यह पोस्ट पसंद आएगी और आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करोगे. . नीचे दी गई पोस्ट में आप यह पढ़ सकते हैं .
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1178 | अहिलवाड़ा माउंट अबू | मूलराज द्वितीय ओर मोहम्मद गोरी | मूलराज जीत | |
1191 | तराइन का प्रथम युद्ध | पृथ्वीराज चौहान ओर मोहम्मद गोरी | पृथ्वीराज चौहान जीत | |
1192 | तराइन का द्वितीय युद्ध | पृथ्वीराज चौहान ओर मोहम्मद गोरी | मोहम्मद गोरी जीत | |
1227 | भूताला का युद्ध | जेत्रसिंह ओर इलतूतमिश | जेत्रसिंह की विजय | |
1301 | रणथंभोर का युद्ध | अलाउद्दीन खिलजी ओर हममीर देव चौहान | अलाउद्दीन खिलजी की जीत | प्रथम साका |
1303 | चित्तौड़ का युद्ध | अलाउद्दीन खिलजी ओर राव रत्न सिंह | अलाउद्दीन खिलजी की जीत | |
1308 | सिवाना का युद्ध | अलाउद्दीन खिलजी ओर सतल देव | अलाउद्दीन खिलजी की जीत | बाड़मेर |
1311 | जालोंर का युद्ध | अलाउद्दीन खिलजी ओर कान्हड देव | अलाउद्दीन खिलजी की जीत | |
1437 | सारंगपुर का युद्ध | महाराणा कुंभा ओर महमूद खिलजी | महाराणा कुंभा की जीत | |
1517-18 | खातोली का युद्ध | राणा सांगा ओर इब्राहीम लोदी | राणा सांगा की जीत | कोटा |
1518 | बाड़ी का युद्ध | राणा सांगा ओर इब्राहीम लोदी | राणा सांगा की जीत | धौलपुर |
1519 | गागरोंन का युद्ध | राणा सांगा ओर महमूद खिलजी द्वितीय | राणा सांगा की जीत | मालवा |
1526 | पानीपत का युद्ध | बाबर ओर इब्राहीम लोदी | बाबर की जीत | हरियाणा |
1527 | बयाना का युद्ध | राणा सांगा ओर बाबर | राणा सांगा की जीत | भरतपुर |
17/3/1527 | खानवा का युद्ध | बाबर ओर सांगा | बाबर की जीत | रूपवास भरतपुर |
1534 | चित्तौड़ का युद्ध | बहादुर शाह ओर विक्रमद्वितीय | विक्रमद्वितीय की जीत | |
1541 | साहेबा का युद्ध | मलदेव(मारवाड़) ओर राव जेतसी (बीकानेर) | मालदेव की जीत | जोधपुर |
5/1/1544 | गिरी सुमेल का युद्ध | शेरशाह सूरी ओर मालदेव | शेरशाह की जीत | पाली |
1567-68 | चित्तौड़ का युद्ध | अकबर ओर उदय सिंह | उदय सिंह की जीत | |
18/6/1576 | हल्दीघाटी का युद्ध | महाराणा प्रताप ओर अकबर | अकबर की जीत | राजसमंद |
1578 | कुंभलगढ़ का युद्ध | महाराणा प्रताप ओर शाहबाज खान | शाहबाज खान की जीत | राजसमंद |
1582 | द्विवेर का युद्ध | महाराणा प्रताप ओर अकबर | महाराणा प्रताप की जीत | मेवाड़ का मेरथन |
1644 | मतिरे की राड | कर्ण सिंह ओर अमर सिंह | अमर सिंह | |
1659 | देव राई का युद्ध | ऑरनगजेब ओर दारोक्षिकोट | ऑरनगजेब | |
1747 | राजमहल का युद्ध | ईश्वरी सिंह ओर माधो सिंह | ईश्वरी सिंह | टोंक |
1748 | बगरु का युद्ध | माधो सिंह ओर ईश्वरी सिंह | माधो सिंह | जयपुर |
1761 | भटवाड़ा का युद्ध | शत्रुषाल ओर माधो सिंह | शत्रु शाल | कोटा |
1787 | तुंगा का युद्ध | प्रताप सिंह ओर मराठा | प्रताप सिंह | जयपुर |
1807 | गिंगोली का युद्ध | जगत सिंह ओर मान सिंह | जगत सिंह | नागौर |
9/8/1857 | कुआड़ा का युद्ध | तांत्या टोपे ओर अंग्रेज | अंग्रेज | भीलवाडा |
8/9/1857 | बिथोड़ा का युद्ध | शाल सिंह ओर ओनार सिंह | शाल सिंह | पाली |
18/9/1857 | चेलावास का युद्ध | कुशाल सिंह व पैट्रिक लारेन्स के मध्य | कुशाल सिंह की विजय | पाली काले गोरे का युद्ध |
चित्तौड़ का युद्ध ओर तीसरा साका
इस समय के अकबर के आक्रमण को देखकर उदायसिह गिरवा की पहाड़ियों में छिप गया । जयमल ओर फत्ता की वीरता से प्रसन्न होकर अकबर ने अगर किले के दरवाजे पर दोनों की हाथी पर सवार संगमरमर की मूर्तियाँ लगवाई । जबकि जयमल फत्ता की घोड़े पर सवार संगमरमर की मूर्तियाँ राय सिंह द्वारा जूनागढ़ बीकानेर में लगवाई । फत्ता की पत्नी फुलकाँवर ने जौहर किया । ये मेवाड़ का तीसरा साका कहलाता हैं ।
हल्दीघाटी का युद्ध
- हल्दीघाटी युद्ध से पहले महाराणा प्रताप को समझाने के लिए चार व्यक्तियों को भेजा जो कि महाराणा प्रताप को अधीनता स्वीकार करवाने में असफल रहे
- इसके बाद अकबर ने मैग्नीज के दुर्ग पर महाराणा प्रताप के खिलाफ युद्ध की योजना बनाई और अकबर ने मान सिंह के नेतृत्व में महाराणा प्रताप पर आक्रमण कर दिया
- महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक था और इनका हाथी रामप्रसाद था
- हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप घायल हो गए और झाला वृंदा ने महाराणा प्रताप का राजकोष कवच धारण करके युद्ध लड़ा
- इस युद्ध में महाराणा प्रताप का सेनापति हकीम खां सूरी भी साथ था
- हारती हुई मुगल सेना में जोश भरने के लिए मिहत्तर खान नामक व्यक्ति ने झूठी अफवाह फैलाई कि बादशाह सलामत स्वयं पधार रहे हैं। जिसके कारण मुगल सेना में फिर से जोश आ गया
- हल्दीघाटी युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी इतिहासकार बदायूनी था जिसने अपने ग्रंथ मुततखाब उत्त तवारीफ़ इस युद्ध का वर्णन किया
- बदायूनी में इस युद्ध में राजपूतों के खून से अपनी दाढ़ी को धोया था
- हल्दीघाटी युद्ध को अलग-अलग नामों से जाना जाता है
- मेवाड़ की थर्मोपोली – कर्नल जेम्स टॉड
- गोगुंदा का युद्ध- बदायूनी
- खमनोर का युद्ध – अबुल फजल
कुंभलगढ़ का युद्ध
कुंभलगढ़ का युद्ध राजसमंद में महाराणा प्रताप और शाहबाज खान के बीच में लड़ा गया जिसमें महाराणा प्रताप की हार हुई और शाहबाज खान विजई हुआ। इस युद्ध के बाद पहली बार कुंभलगढ़ दुर्ग पर अधिकार किया गया। इससे पहले इस ग्रुप पर किसी ने अधिकार नहीं किया था और नहीं बाद में कर पाया।
बिथोड़ा(पाली) युद्ध
आऊवा के ठाकुर कुशाल सिंह के नेतृत्व में क्रांतिकारियों ने जोधपुर के महाराजा तखत सिंह और कैप्टन हिथकोट की सेना को आऊवा के निकट बिथौड़ा नामक स्थान पर 8 सितंबर 1857 को हराया और 9 सितंबर को उन्होंने जोधपुर सेना के प्रमुख अनार सिंह को मार दिया।