परिचय
- बैराठ सभ्यता जयपुर में स्थित है
- यह बाणगंगा नदी के किनारे बसी हुई है
- इस सभ्यता के खोजकर्ता 1837 में कैप्टन बट थे
- 1837 में कैप्टन बोर्ड ने बैराज से भाब्रू शिलालेख की खोज की जो सम्राट अशोक का था यह वर्तमान में कोलकाता में संग्रहालय में स्थित है
- भाब्रू शिलालेख से अशोक के बौद्ध धर्मावलंबी या बौद्ध अनुयाई होने की जानकारी मिलती है
- इसी शिलालेख में बौद्ध धर्म के त्रिरत्न बुद्ध धर्म और संघ है
- उत्खनन कर्ता इस सभ्यता के दयाराम साहनी है
- बैराड़ का प्राचीन नाम विराटनगर था जो मत्स्य जनपद की राजधानी थी
- महाभारत काल के दौरान इसी विराटनगर में पांडवों ने अपना अज्ञातवास बताया था इसकी जानकारी हमें महाभारत से मिलते हैं
- बैराठ सभ्यता बीजक,, भीम, गणेश जी आदि की पहाड़ियों पर विकसित हुई
- भीम की पहाड़ी पर एक डेढ़ डेढ़ रूपी तालाब बना हुआ है जिसे भीमताल के नाम से जाना जाता है.
अवशेष
- यूनानी राजा मिनांडर के सूती कपड़े में लिपटे हुए सिक्के
- मौर्य सम्राट अशोक के पंच मार्क के सिक्के
- बौद्ध मंदिर महात्मा बुद्ध की प्रतिमा और स्वर्ण मंजूषा
- भारत की पहली ज्ञात मानव प्रतिमा महात्मा बुद्ध की इसी सभ्यता में प्राप्त हुई थी .
अकबर ने विराट में सिक्के डालने के लिए टकसाल बनवाई थी
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