उदय सिंह के समय मुगल शासक दिल्ली का अकबर था उदय सिंह को अकबर ने संधि का पैगाम भेजा लेकिन उदय सिंह ने इसकी अधीनता स्वीकार नहीं की। 1567 से 68 पर अकबर ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया।
Read Now
चित्तौड़ का तीसरा साका
अकबर के आक्रमण की सूचना मिलने पर उदय सिंह गिरवा की पहाड़ियों में चला गया। और युद्ध का भार जयमल और पत्ता परसों गया इस युद्ध में जयमल और फत्ता लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। जयमल फत्ता के पत्नी फूल कंवर ने जौहर किया और यह चित्तौड़ का तीसरा साका कहलाया।
चित्तौड़ का दूसरा साका
चित्तौड़ पर बहादुर शाह ने 1534 में आक्रमण किया उस समय चित्तौड़ की रानी कर्मावती के नेतृत्व में जोहर किया गया । तथा भाग सिंह के नेतृत्व में केसरिया किया गया इस घटना को चित्तौड़ का दूसरा साका कहा गया।
विशेष बात
रानी कर्मावती ने बहादुर शाह जफर के आक्रमण से बचने के लिए हुमायूं को राखी भेजी लेकिन हम आए उस समय पर पहुंच नहीं पाया। और 1572 में उदय सिंह की मृत्यु के बाद महाराणा प्रताप शासक बने।