यह युद्ध महाराणा कुंभा और मालवा के शासक महमूद खिलजी के मध्य लड़ा गया जिसमें महाराणा कुंभा की विजय हुई।
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इस युद्ध में महाराणा की विजय के उपलक्ष्य में ही महाराणा कुंभा ने विजय स्तंभ का निर्माण करवाया।
चंपानेर की संधि
चंपानेर की संधि 1456 में हुई थी। यह संधि महाराणा कुंभा के खिलाफ हुई थी जो कि मालवा के शासक महमूद खिलजी तथा गुजरात के शासक कुतुबुद्दीन अहमदशाह के मध्य की गई । इसका मूल उद्देश्य महाराणा कुंभा के विरुद्ध एकजुट होकर युद्ध करना था लेकिन यह संधि असफल हो गई।
आवल भावल की संधि
यह संधि राव जोधा और राहु कुंभा के मध्य हुई इस संधि को करवाने का श्रेय हनसा बाई को जाता है। इस संधि के दौरान राव जोधा ने अपनी पुत्री श्रृंगार देवी का विवाह कुंभा के पुत्र रायमल के साथ किया था। इस संधि से मेवाड़ तथा मारवाड़ की शत्रुता समाप्त हो गई और फिर से मधुर संबंध स्थापित हो गए।